Saturday, 21 June 2014

FOURTH HOUSE IN THE HOROSCOPE



Institute of Vedic Astrology suggests that by studying fourth house in depth Astrologers and horoscope reading experts can get fair idea of a person in terms of his/her mother, happiness, house, garden, farm house and vehicle. IVA gives importance for studying of 4thhouse in the horoscope.

The fourth house depicts following aspects:-
  •  4thhouse depicts native’s prosperity, comforts and luxuries, father-in-law and material accomplishments.
  • This house denotes house, cattle, live stock, possession of vehicle, property, farm house etc.
  • This house describes native’s mother, her age, her health, native’s relations with mother and happiness of mother.
  • The fourth house influences the second part of native’s life i.e. from 25-50 years of age.
  • This house also indicates native’s peace of mind.
  • The most influencing zodiac signs in this house are Cancer, Pisces and Capricorn.
  • The causative planets of the fourth house are Moon and Mercury.
  • The element of the fourth house is water.

Friday, 20 June 2014

उत्तरदिशा से पाए जीवन में समृद्धि


किसी भी मकान,बंगले, फ्लैट, दूकान, ऑफिस अथवा फैक्ट्री की उत्तर दिशा कासम्बन्ध समृधि से होता है. पृथ्वी में उत्तर दिशा से दक्षिण दिशा की और चुम्बकीय तरंगे बहती है. इस कारण उत्तर दिशा में गेट और दरवाजाहोने से समृधि आती है. वैदिक वास्तु अनुसार उत्तरदिशा के स्वामी भगवान कुबेर है. भगवान कुबेर माँ लक्ष्मी की तरह चलायमान नहीं है उनमें स्थायित्व है इसलिए भगवान कुबेर स्थायी धन के प्रदाता है. उत्तर दिशा में उर्जा के सही संतुलन से प्रगति होती है और उस भवन में रहने वाले लोग अथवा कार्य करने वाले व्यापारियों को इस दिशा के शुभ प्रभावों से निरंतर प्रगति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. फेंग शुई में उत्तर दिशा का भी अत्यधिक महत्व है. फेंग शुई अनुसार उत्तर दिशा जल तत्व से सम्बंधित है. जलका स्वाभाव है बहना. जिस स्थान में निचा या ढलान होगा जल उस दिशा की ओरबहेगा. यदि जल तत्व को अर्थात उत्तर दिशा में कोई रुकावट हो जाए तो नौकरी तथा व्यवसाय में रुकावट आएगी. इसके लिए उत्तर दिशा मेंभारी निर्माण जैसे सीडिया,पानी की ओवरहेड टंकी, बहुत ज्यादा फर्नीचर, इत्यादि नहीं होना चाहिए. उत्तर दिशा में लाल, कत्थई, केसरिया, बेंगनी, मेहरून, इत्यादि रंग भी नहीं होना चाहिए. उत्तर दिशा में जूते चप्पल रखने से भी नौकरी नहीं लगती, बार बार व्यापार बदलना पड़ता है और सरकारीव अन्य विभाग से भी परेशानी हो सकती है.

उत्तर दिशा घर में रहने वाले सदस्यों, बिज़नेस में मालिक और पार्टनरो की जन्म पत्रिका से भी सम्बन्धित है. इन लोगो की जन्म पत्रिका में चतुर्थ भाव, चतुर्थेश, चतुर्थ भाव के कारक ग्रहों की स्थिती सेभी यह परेशानिया सकती है. चतुर्थेश, बुध तथा चन्द्रमा यदि पाप प्रभाव युक्त हो, नीच राशि में हो, शत्रु राशि में हो, अस्त हो, मृत हो तो जातक को अन्य फलो के अलावा समृधि में रुकावट, गलत निर्णयों से व्यापर में असफलता तथा फैक्ट्री में प्रोडक्शन में रुकवाटे पैदा करेगा. जिन लोगो का जन्म किसी भी माह की , १४ या २३ तारीख को हुआ हो उनका जन्मांक होगा. जन्मांक का स्वामी ग्रह बुध है. जन्मांक वाले जातको के नाम, उनकी कंपनियों के नाम, लोगो के रंग सम्मिश्रण, इत्यादि के आधार पर उनके जन्मांक का नाम के अंक के साथ वाइब्रेशन का भी बहुत प्रभाव पड़ता है.

उपरोक्त सभी स्थितियों में किसी योग्य वैदिक ज्योतिष, वैदिक वास्तु, अंक शास्त्र एवं फेंग शुई के विशेषज्ञ से अपने घर, दूकान, बंगले, फ्लैट, फैक्ट्री, गोडाउन, ऑफिसतथा घर में रहने वालो की एवं व्यवसाय से सम्भंदित पार्टनरो की जन्म पत्रिका एवं अंक शास्त्र द्वारा समाधान करने से लाभ प्राप्त हो सकता है. इस आर्टिकल के लेखक भारत के सबसे बड़े वैदिक ज्योतिष, वैदिक वास्तु, अंक शास्त्र, हस्त रेखा, टैरो कार्ड रीडिंग, कृष्णामूर्ति पद्धति ज्योतिष, फेंग शुई, रत्न एवं क्रिस्टल चिकित्सा सिखाने वाले संस्थान के फाउंडर डायरेक्टर श्री आशीष पाटीदार है. सन२००१ में उन्होंने नौकरी छोड़कर इंस्टिट्यूट ऑफ़ वैदिक एस्ट्रोलॉजी की स्थापना की जो भारत तथा विदेशो में वैदिक विधाओ प्रशिक्षण एवं कंसल्टेशन प्रदान कर रहा है. श्री आशीष के भारत के २१ राज्यो व अनेक देशो में वैदिक वास्तु, वैदिक ज्योतिष, फेंग शुई एवं अंक शास्त्र के प्रोजेक्ट चल रहे है जिससे सेकड़ो उद्योगपति,व्यापारी, घर-परिवार लाभान्वित हुए है. उन्होंने वैदिक ज्योतिष, वैदिक वास्तु, फेंग शुई तथा फेस रीडिंग पर ३० किताबे भी लिखी है जो इंस्टिट्यूट ऑफ़ वैदिक एस्ट्रोलॉजी के पाठ्यक्रम में शामिल है.

श्री आशीष पाटीदार ने इंदौर के विक्की(निक नाम)जिनका जॉब छुट गया था उनका घर और पत्रिका देख कर बताया की भारत में नहीं विदेशो में कोशिश करे और चार गुना सैलरी की कोशिश करे. उसके लिए उन्होंने कई सरल उपाय भी बताये. श्री विक्की द्वारा बताये गए उपायों को श्रध्दा द्वारा करने से एक वर्ष के अन्दर ही उन्हें दुबई में नौकरी मिल गयी है. वे २२ मार्च २०१४को दुबई के लिए इंदौर से प्रस्थान करेंगे. असम के तिनसुकिया से घंटे की दुरी पर अरुणाचल प्रदेश में फेस विनियर की फैक्ट्री वैदिक वास्तु के अनुसार बिलकुल विपरीत थी. फैक्ट्री के ईशान कोण में बायलर एवं जनरेटर, ब्रह्मस्थान में ड्रायर, नैरुत्य में गेट, दक्षिण में नदी एवं पूर्व दिशा में पहाड़ है. यह फैक्ट्री कई वर्षो से नुक्सान में चल रही थी. नवम्बर २००६ में आशीष जी के परामर्श अनुसार फैक्ट्री में बिना तोड़-फोड़ तथा बिना कोई मशीन शिफ्ट किये कई सरल उपाए किये गए. २००७ की बैलेंस शीट में फैक्ट्री प्रॉफिट में गयी और तबसे आज तक लाभ में है. वर्ष २०१४ में इस फैक्ट्री की एक और शाखा आशीष जी के मार्गदर्शन में शुरू होने जा रही है. सिलीगुड़ी के कई शोरूम, फैक्ट्री एवं बंगले आशीष जी के मार्गदर्शन में वैदिक ज्योतिष, वैदिक वास्तु तथा फेंग शुई अनुरूप बनाये गए जिससे अनेक परिवार लाभान्वित हुए है.कोलकत्ता में सेंट्रल अवेनुए मेंशायद पूर्व भारत का सबसे आधुनिक शोरूम वास्तु अनुसार डिजाईन २०१० में डिजाईन किया गया. बेंगलुरु, मदुरै एवं चेन्नई में मिठाई की फैक्ट्री और उनके २५ दुकानों को वास्तु अनुसार करने से लगातार समृद्धि की प्राप्ति हो रही है.