फेंगशुई क्या है - आदिम सभ्यता से पहले जब हम जंगलों में रहते थे, तब
हम बिल्कुल प्रकृति के बीच में रहते थे। और, प्रकृति हमें
समेटे हुई रहती थी, जिससे कि मैं प्रकृति की सारी सकारात्मक
ऊर्जा हमें स्वता ही प्राप्त होती रहती थी। परंतु जैसे-जैसे हम सब भी होते गए हम
प्रकृति से दूर होते गए और साथ ही हम बहुत लाभदाई चीजों से भी दूर होते चले गए
हमने अपने चारों और सीमेंट के जंगल बना लिए पेड़ों को वृक्षों को पक्षियों को
पशुओं को खत्म कर दिया, नदिया सुखा डाली और समुद्रों को गंदा
कर दिया जिसका खामियाजा हमें इस रूप में भरना पड़ता है, कि
आज हम असफलता की ओर बढ़ रहे हैं, फेंगशुई इसी ऊर्जा को फिर
से हमारे करीब लाने का ज्ञान है या विज्ञान है। फेंगशुई के बारे में जाने या सीखने
के लिए हमारे इंस्टीट्यूट आँफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी पर आयें ।
फेंगशुई क्यों जरूरी - देखा जाता
है, कि कोई व्यक्ति नया भवन बड़े शौक से बन वाता है, लेकिन
समय बीतते बीतते कहने लगता है, कि उसके घर को किसी की नजर लग
गई दूसरी और ऐसे भी उदाहरण हैं, जहां किराए के भवन में रहने
वाले लोग अपनी कोठियां बन जाने के बाद भी किराए का मकान यह कहकर नहीं छोड़ते,
कि यह उनके लिए शुभ है। यह धारणा है, कोरे
अंधविश्वास नहीं है। भवन निर्माण वास्तु शास्त्र का विषय है, मकान दुकान फैक्ट्री और व्यावसायिक कार्यों में निर्माण एवं नियोजन अगर
वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार किया जाए तो परिवार में सुख समृद्धि आती है,
और व्यापार में अत्याधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। भवन निर्माण
वास्तु शास्त्र के अनुसार साज-सज्जा फेंगशुई के अनुसार ऊर्जा पिरामिड के अनुसार और सुरक्षा तंत्र विज्ञान के आधार पर हो तो घर निरापद और शुभ
फलदाई बन सकता है।
फेंगशुई के कुछ चमत्कारिक सूत्र - घर में
ट्रैक्टर, कांटेदार पौधे सजावट के रूप में भूलकर
भी नहीं रखनी चाहिए। घर में कोई बेल लगा रखी हो तो वह जमीन पर ना फेलाकर ऊपर की ओर
चढ़ानी चाहिए। घर के खंभों के किनारे 9 कुदार ना होकर गोल होने
चाहिए। सीढ़ियां घुमवदार् नहीं होनी चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर या उसके समीप नेम
प्लेट अवश्य लगानी चाहिए। घर में प्रवेश करते ही घर पर मुख्य द्वार के दोनों और
शुभ चिन्ह जैसे ओम में स्वस्तिक आदि अवश्य होनी चाहिए। घर में टूटा अथवा चटका हुआ
दर्पण प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। घर के मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश करते समय ही
दोनों और फूलदार पौधे होने चाहिए, मुख्य द्वार के समीप
शौचालय का द्वार नहीं खुलना चाहिए। शौचालय एवं स्नानघर के द्वार बंद रखने चाहिए
कमरे में छत एवं दीवारों का रंग अलग होना चाहिए। शयन कक्ष में दर्पण नहीं लगाना
चाहिए। यदि ड्रेसिंग टेबल शयन कक्ष में रखी हो तो उसे उस प्रकार रखना चाहिए,
कि शयन कक्ष में प्रवेश करते समय उसका दर्पण दिखाई ना दे।
फेंगशुई में पक्षियों द्वारा चमत्कार - फेंगशुई में पक्षियों के चित्र के द्वारा बहुत सारी बातों को ठीक किया जा
सकता है, ड्राइंग रूम में पूर्व दिशा की ओर ड्रैगन का चित्र
अथवा लकड़ी का ड्रैगन रखा जा सकता है, इससे आगंतुक व्यक्ति
आपके ऊपर हावी नहीं होगा। फेंगशुई में लाल फिनिक्स पक्षी को कामना पूर्ति कारक
माना जाता है। इच्छाओं की पूर्ति के लिए अकेला फिनिक्स पक्षी लगाना चाहिए, इसे अपने शयनकक्ष में रखा जा सकता है। फेंगशुई में कछुए को बहुत शुभ माना
गया है, असाधारण प्रगति के लिए कछुए को घर के उत्तर में रखना
चाहिए, कछुए को इस प्रकार रखना चाहिए, कि
उसका मुख कमरे में अंदर की ओर रहे वह कमरे से बाहर निकलता हुआ प्रतीत ना हो परंतु
एक से अधिक कछुए एक साथ नहीं रखनी चाहिए, साथ ही फिनिक्स
पक्षी को भी ड्रैगन के साथ नहीं रखना चाहिए।
और कुछ चमत्कारिक उपाय -घर में
दीवार पर लगी घड़ियां बंद नहीं होनी चाहिए, और ना ही चलती हुई घङियों
में
समय त्रुटिपूर्ण होना चाहिए। घर में हिंसा और युद्ध को
प्रदर्शित करने वाले चित्र एवं पोस्टर नहीं लगाने चाहिए। इसके दुष्प्रभाव के कारण
संयुक्त परिवार में विवाद की स्थितियां उत्पन्न होती है, घर में गृह स्वामी का चित्र ड्राइंग रूम में दक्षिण दिशा की दीवार पर
लगाना चाहिए घर में किसी भी दरवाजे पर दर्पण नहीं लगाना चाहिए। दर्पण आयताकार या
चौकोर ना होकर गोल या अंडाकार हो तो अधिक शुभ है। एक बेरियम को घर में पूर्व-उत्तर
या उत्तर-पूर्व की दिशा में रखना चाहिए। एक्वेरियम में मछलियों की संख्या विषम
होनी चाहिए। शयनकक्ष में लाल रंग का बल्ब, लैंप आदि अवश्य
लगाना चाहिए। फर्श पर कालीन जो कोरिया अदाकारी बिछाने चाहिए, गोलियां अंडाकार कालीन नहीं बिछाने चाहिए, घर में
सफाई की झाड़ू और पोछे को इस प्रकार रखना चाहिए कि वह अन्य व्यक्तियों को दिखाई ना
दे। सोने का पलंग दरवाजे के सामने नहीं होना चाहिए। किसी भी तस्वीर पर सूखे हुए
फूल नहीं होने चाहिए, ना ही गुलदस्ते में बासी और सूखे हुए
फूल होना चाहिए।
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